जीवन में रस्म-रिवाज का क्या महत्त्व है ?

 जीवन में रस्म-रिवाज का क्या महत्त्व है ?

ना हम रस्म-रिवाज,या केशरीरंग छोड़ सकते, .ना ही जीने का ढंग छोड़ सकते, हम भारत के लोग है साहब, ना हम भारत छोड़ सकते, रस्मों-रिवाज,या कार्तव छोड़ सकते। 


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मूल्यों के लिए रस्म-रिवाजों में वृहद सामाजिक तत्व होते हैं और ये व्यापक स्तर पर स्वीकार्य होते है। रस्म-रिवाजें अन्य मूल्यों की अपेक्षा कहीं अधिक होती है। 

हमें दूसरों के मूल्यों की अपेक्षा रस्म-रिवाजों पर अधिक सशक्त रूप से देखना चाहिए। एक व्यक्ति को व्यभिचारी (अनैतिक ) के के रूप में वर्णित किया जा सकता है फिर भी फिर भी मूल्यों को ना मानने वालों के लिए लिया कोई अन्य शब्द नहीं है फिर भी हमें यह मालूम होना चाहिए की हमारे जीवन में रस्म-रिवाज का क्या महत्त्व है और इसका हमें निःस्वार्थ पालन करना चाहिए। 


रस्म-रिवाज की परिभाषा क्या है ?

अगर हम सिम्पल शब्दों में कहें तो यह वह विद्याया है जो हमें अपने पूर्ववाजों से और सविंधान या कानून के माध्यम से दिया जाता है और हम सब को इसका पालन करना पड़ता है यही हमारी एक जिम्मेदारी है जो सबको उठानी पड़ती है।

रस्म-रिवाज नैतिक दर्शन शास्त्र के रूप में भी प्रचलित है।  यह दर्शन शास्त्र की एक कड़ी है जो हमें अच्छे-बुरे, अचार-विचार, रस्म-रिवाज के बारे में हमें जानकारी देता है और उसके प्रश्नों के उत्तर के बारे में जागरूक करता है। 

 

रस्म-रिवाज का अर्थ क्या है ?

इसका सही मायनों में देखा जाये तो हमें अपने समाजक और परिवार के लिया हमेशा सबसे अच्छा व्यवहार करना चाहिए जिसमे संती,ईमानदारी,शक्ति,अपने वचन का पक्का, सबके प्रति संवेदनशील बने रहना आदि समल्लित होता है। 

हमारा  दयितत्व बनता है की हम समाज और देश के लिए ईमानदार और सत्यवादी बने रहे जिससे हरे रस्मोंऔर रिवाजों का पालन करें, सबके प्रति संवेदना रखें जो हमें यह रस्मों-रिवाजो,और नैतिक से सीखने को मिलता है। 


रस्म-रिवाज का विश्वस्तता क्या है ?

विश्वस्तता का अर्थ है होता है, विश्वाशी होना है, और ईमानदारी,विश्वसनीय या भरोसेमंद होना यह नैतिक के लोगों में विशेष गुण होते है।  जो उन्हें एक अच्छा और विश्वसनीय व्यक्ति बनाते है जो देश और समाज सेवा करते है उन्हें आगे बढ़ाने  सहायता करते है अपने रस्मों-रिवाजो का पालन करते है। 


रस्म-रिवाज का आदर क्या है ?

आदर वह नैतिकता है जो जो किसी व्यक्ति के  अन्दर स्वंय के लिए तथा दूसरों के आदर होना चाहिए। और उसे हर किसी व्यक्तिओं का सदैव आदर और सामना करना चाहिए यह होता है नैतिकत और रस्म-रिवाज जो हमारे देश में गंगा की तरह बहाती है  कोई उसमे एक बार उतर कर देखे। जीवन में रस्म-रिवाज का क्या महत्त्व है यह बताता है हमारा कल्चर। 


रस्मों-रिवाज का उत्तरदायित्व क्या है ?

जैसा की आप सब को उत्तरदायित्व का मतलब जानते होंगे फिर भी जिन्हे नहीं पता है उनके लिया बता देता हूँ। उत्तरदायित्व का अर्थ होता है जबाबदेही होता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी अपने क्रियाओं और कर्मों के लिए जबाबदेह होना चाहिए 

जिससे उनके अंदर इंसानियत का पता चलता है और वह नैतिकत और अपने रस्मों-रिवाजों के कार्यों से पीछे नहीं हट सकते है अगर वह कोई कार्य कर रहे उसके समाज और परिवार के लोगों के लिए जबाबदेह होना चाहिए यह एक अच्छा गुण होता है। 


रस्मो-रिवाज के न्याय और निष्पक्षता क्या है ?

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न्याय का अर्थ इतना प्यार होता है। सायद आप लोगों को न्याय का मतलब पता होगा पर फिर भी मै आप सब को बताना चाहता हूँ।  न्याय का मतला होता है। प्रत्येक व्यक्ति का सही प्रदान करना है जिसके वह लायक है। 

या और परम्परागत शब्दों में प्रत्येक व्यक्ति को यथोचित देना होता है। न्याय और निष्पक्षता शब्द घनिष्ट रूप से परस्पर संबंध्द है जो अक्सर अक्सर परस्पर अदल-बदल कर प्रयोग किये जाते निर्णय करने की योग्यता के बारे में किया जाता है 


रस्मों-रिवाज की देखभाल कैसे करें?


देखभाल करने अर्थ है की किसी व्यक्ति की रुचि लेना-देना और ठीक एवं प्रसन्न होने की चाह रखना होता है। 

अगर हम किसी वस्तु का देख भल नहीं करेंगे तो वह किसी भी तरीके से नैतिकता का पालन नहीं कर रहे और हमें इसका पालन करना चाहिए सभी को मिल जुल कर इंसानियत कौर समाज ,कानून, और लोंगों का देखभाल करना चाहिए। 


रस्मों-रिवाज निष्कर्ष क्या है ?

यह वह धरोहर है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में परिवर्तित होती रहती है और हमें अपने रस्मों-रिवाजों का पालन करने में मदद आरती है हम सब को स्वक्ष और निर्जल दिल से नैतिकता और -रिवाजों का पालना,देख भाल करना चाहिए। 

मैं आप सब को रस्म-रिवाज के बारे में थोड़ा बताने की प्रयास किया है की हमारे रस्म-रिवाज क्या जीवन में रस्म-रिवाज का क्या महत्त्व है  हम सब कैसे पालन कर सकते है।